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Social Media Post is now Fundamental rights no arrest for it

सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा है कि, सोशिल मीडिया में बाते रखना आपका अधिकार, है जो आपको संविधान देता है। इस विषय पे श्रेया सिंघल नामक वकील ने पिटिशन किया था। उनमें उनका दावा था कि, आईटी एक्ट का सेक्शन 66A, भारत के बंधारण की कलम 19(a) का उल्लघंन करती है, यहां आर्टिकल 19(a) हमे freedom of speech and expression, यानी कि हमें बोलने, और उसको अभिव्यक्ति करने कि स्वतंत्रता देता है। आईटी एक्ट के सेक्शन,66a तहत पहले, कोई अयोग्य पोस्ट के लिए आपकी धरपकड़ भी हो सकती थी।
लेकिन सुप्रीम कॉर्ट में दिए गए जजमेंट  Shreya Singhal vs U.O.I on 24 March, 2015
के अनुसार आप फेसबुक इंस्ट्राग्राम व्हासप जैसे सोशियल मीडिया पे आप अब अपने विचार रख सकते है। जिसके लिए आपको अब पुलिस धरपकड़ नहीं कर सकती। उसमे टिप्पणी करते हुए श्रेया सिंघल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने,freedom of speech and expression, के लिए समर्थन दिया है।

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