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Nepotism and Sushant Singh Rajput


क्या है नेपोटिसम?

जब से सुशांत सिंग राजपूत (Sushant Singh Rajput) की कथित आत्म हत्या से मृत्यु हुई है तब से बॉलीवुड की दुनिया का काला सच मानो जाहिर हो गया है। चाचा भतीजा वाद (Nepotism) या कहे कि नेपोटिसम एक ऐसा जहर है जो पर्दे के पीछे की हकीकत बयान करता है। लोग फ़िल्म इंडस्ट्री की चकाचौंध से प्रभावित हो कर कई सपनो के साथ फ़िल्म की दुनिया मे अपनी किस्मत आजमाने के लिए
आते है। पर उन्हें जब नेपोटिसम का अनुभव होता है तो उनको अपने सपने चकनाचूर होते देख निराशा में घिर जाते है। 

नेपोटिसम से फ़िल्म दुनिया मे प्रभाव!!


सोचिये अगर आपको कोई छोटा मोटा ही सही बिसिनेस करना हो तो भी आप उसी व्यक्ति को रखना पसंद करेंगे जो कि उस क्षेत्र का जानकार है। आप किसी भी अनजान या ऐसे व्यक्ति जो जान पहचान से आते है उन पर कभी भरोसा नही करते क्यों कि इसके कई सारे नुकशान है। आपको एक तो क्वालिटी रिजल्ट नही मिलता, आप जो पैसा invest करते है उसका return अच्छा मिले इसीलिए आप अपना समय और मेहनत जाया करते है। ठीक उसी तरह फ़िल्म की दुनिया मे डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स जो सफल अभिनेता है उनके बच्चों को फ़िल्म में मौका देते है और जो सच मे टेलेंटेड है उनको नजर अंदाज करते है। 
अगर आप पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड देखे तो पता चलेगा अब कुछ ही एक दो फिल्में है जो सच मे मनोरंजन कहलाने लायक है बाकी सब मे मिर्च मसाला और एक आइटम सॉन्ग डालके थोड़ी एक्शन शॉट्स दिखाके लोगो को बेवकूफ बनाके लूट लेते है। 
अगर सुशांत सिंग राजपूत की ही बात करे तो वह एक सेल्फ मेड एक्टर थे। 2008 में टीवी सीरिअल्स जैसे छोटे पर्दे पर काम करते थे फिर बड़ी मूवीज में बैकग्राउंड डांसर्स के साथ काम किया। फिर वह लीड रोल में जब एम एस धोनी के किरदार में लोगो के सामने आए तो सचमे उन्हों ने करोड़ो लोगो के दिलो में अपनी जगह बनाली थी । 
हालांकि उनको पता चल गया था कि उनको बॉलीवुड की हस्तियों के बीच टिकना बहुत मुश्किल हो रहा है। फरवरी में जब यशराज फिल्म्स और अन्य बड़े प्रोडक्शन ने उनको बैन कर दिया तब से वह काफी परेशान रहते थे। ज्यो की यहीं पर बात खत्म नही होती । उनकी एक सुपर हिट फिल्म छिछोरे जिसमे उनकी एक्टिंग और जिंदगी जीने का सलीका सिखाने वाला मेसेज देने वाली मूवी थी उसने सुशांत की फेन्स लिस्ट तीन गुना करदी थी।
इससे बॉलीवुड में उनसे काफी जलते थे। इसका दुष्परिणाम उनकी फिल्मों पर लगाने की कोशिश होने लगी। हाल ही में पिछले साल उनकी मूवी Drive जो एक जबरजस्त हिट होने वाली थी क्यो की उसमे उन्होंने काफी मेहनत की थी उसमें लिड रोल में कि एक जानेमाने शर्ट उतारनेवाले हीरो अपने किसी रिश्तेदार को उसमे लिड रोल में लॉन्च करना चाहते थे लेकिन 80% मूवी परिपूर्ण हो जाने की वजह से उसमे सुशांत को रिप्लेस करना असंभव हो गया तभी वह मूवी को बड़े पर्दे पर रिलीज नही होने दिया गया और बॉलीवुड माफियाओ ने उस मूवी को जबरन netflix पर रिलीज करने को मजबूर कर दिया जिससे कि वह मूवी बुरी तरह पिट गयी।
एक तरफ सुशांत की मूवी छिछोरे में उनके काम के लिए उनको एक भी अवार्ड से सम्मानित नही किया गया था। हालांकि सबको पता है ये बॉलीवुड के अवार्डस preplanned रहते है। इसलिए उससे कोई फर्क नही पड़ता लेकिन सुशांतको अब कोई बड़ी फिल्म मिल नही रही थी और वह इतने डिप्रेसन में आ गए थे कि उनको गोलियां लेनी पड़ती थी।

कोंन कोंन नेपोटिसम के दायरे में है?

बॉलीवुड की कई हस्तियां नेपोटिसम को बढ़ावा देने के लिए बदनाम है। अव्वल दर्जे में करन जोहर का नाम इसमे आता है, फिर सलमान खान जो कि बॉलीवुड में उनके खराब वर्तन के लिए वैसे भी बदनाम है, फिर महेश भट्ट का नाम आता है। वैसे ही इन सब चीजों के अलावा कास्टिंग कोच का शिकार नई हेरोइनों को होना पड़ता है। और इस बात को precasting formality की तरह बॉलीवुड में शामिल कर लिया गया है। 

Conclusion:

आज बॉलीवुड में सेल्फ मेड एक्टर्स  की कमी होने के कारण ही फिल्म्स में एकटिंग सिर्फ नाम की रह गयी है। नेपोटिसम एक ऐसा कलंक है जो शायद ही अब हटाया जा सकेगा।

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