हमारा देश लोकतांत्रिक देश है। यहा पे लोको द्वारा चुनी गई सरकार काम करती है। इसलिए हमारा देश लोगो द्वारा संचालित माना जाता है।
लेकिन इसी सिस्टम में एक बहोत बड़ी प्रॉब्लम यह है कि चुनाव के टाइम मिलने वाला फंडिंग कोन किस पार्टी को कितना देता है। उसका हिसाब या जानकारी कोई प्राप्त नही कर सकता।
इसलिए हमारी देस की बड़ी बड़ी पार्टियां उद्योगपतियो से डील जैसी कर लेती है। कि तुम हमे फंडिंग दो बाद में जितने के बाद जो तुम चाहो वह हम करवा देंगे।
इसलिए चुनावी टाइम पे पार्टिया फण्ड से भरपूर हो जाते है।
जितने के बाद पार्टिया सरकार बनते ही उद्योगपतइयो को एललिगली काम मे सपोर्ट करते है। और कहा जाए इसमे तो सरकारे बहुत सस्ते में उनको जमीन दिलवाते है। जिससे उद्योगपतिओ ने चुनाव में इनवेस्ट किये रुप्पयो से बहोत अधिक अधिक रुपया बाद में बना लेते है। यही मुद्दे पे बेबाक बात जर्नलिस्ट प्रसून बाजपेयीजी ने रखी है। जो नीचे वीडियो में दिखाई गई है।
इसलिए चुनावी टाइम पे पार्टिया फण्ड से भरपूर हो जाते है।
जितने के बाद पार्टिया सरकार बनते ही उद्योगपतइयो को एललिगली काम मे सपोर्ट करते है। और कहा जाए इसमे तो सरकारे बहुत सस्ते में उनको जमीन दिलवाते है। जिससे उद्योगपतिओ ने चुनाव में इनवेस्ट किये रुप्पयो से बहोत अधिक अधिक रुपया बाद में बना लेते है। यही मुद्दे पे बेबाक बात जर्नलिस्ट प्रसून बाजपेयीजी ने रखी है। जो नीचे वीडियो में दिखाई गई है।
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